Thursday, December 2, 2010

“जितना झुकते रहे दुनियाँ हमें झुकाती है
जितना डरते रहे दुनियाँ हमें डराती है|
अगर हम आँख दिखा दे और आगे बढें तो
दुनिया मजबूत इरादों से सहम जाती है|”

4 comments:

वाणी गीत said...

बात में दम है !

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

chaupada damdar hai...

Sunil Kumar said...

अंतिम पंक्ति दिमाग पर असर करती है सुंदर रचना

दलिप कुमार मीना said...

जी,होसला आफजाई व कमेंट्स के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद?