गुजरे हुए वक्त को भुलाया नहीं जाता,
रोशनी के लिए घर जलाया नहीं जाता|
जिन्दगी का दूसरा नाम धुप-छाव सही,
देखकर मगर जहर तो खाया नहीं जाता|
शीशे के महल में रहने वाले तुम सही,
काच से पत्थरों को डराया नहीं जाता|
पके हुए फल पर परिंदे का भी हक है
यू ही उसे गुलाल से उड़ाया नहीं जाता|
हिम्मत से जो डट जाता मैदाने जग में,
आंधी से वह चिराग बुझाया नहीं जाता|
रोशनी के लिए घर जलाया नहीं जाता|
जिन्दगी का दूसरा नाम धुप-छाव सही,
देखकर मगर जहर तो खाया नहीं जाता|
शीशे के महल में रहने वाले तुम सही,
काच से पत्थरों को डराया नहीं जाता|
पके हुए फल पर परिंदे का भी हक है
यू ही उसे गुलाल से उड़ाया नहीं जाता|
हिम्मत से जो डट जाता मैदाने जग में,
आंधी से वह चिराग बुझाया नहीं जाता|
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