सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्तान हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी
वो गुलसिताँ हमारा।
परबत वो सबसे ऊँचा
हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा
वो पासबाँ हमारा।
गोदी में खेलती हैं
जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिनके दम से
रश्क-ए-जिनाँ हमारा।
मज़हब नहीं सिखाता
आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है
हिंदुस्तान हमारा।- मुहम्मद इक़बाल
Friday, December 3, 2010
आजकल ये न्यूज चैनलों को क्या हो गया है ..हर वक्त क्या दिखाते रहते है ..खबर का तो सत्यानाश कर दिया है, और विज्ञापनो का तो कहना ही क्या....?
शर्म आती है ऐसे पत्रकारों और पत्रकारिता पर .......इससे अच्छा है चुल्लू भर पानी में डूब मरें............इन साले भ्रष्ट मंत्रियों और उद्योगपतियों ने जिस तरह अपने मां बहन को भी बेच दिया है पैसों के लिए उसी तरह इस देश और समाज को भी बनाने पर तुले हुए हैं...........और इस काम में कुछ पत्रकारों का शामिल हो जाना बेहद चिंताजनक है......
आपने बिलकुल सही फरमाया,कुछ असामाजिक तत्व तो हर जगह होते है, उसकी मार सबको झेलनी पड़ती है.....लेकिन करे क्या... भ्रष्ट मंत्रियों और उद्योगपतियों के हाथ हर कोई बिका है...?
3 comments:
शर्म आती है ऐसे पत्रकारों और पत्रकारिता पर .......इससे अच्छा है चुल्लू भर पानी में डूब मरें............इन साले भ्रष्ट मंत्रियों और उद्योगपतियों ने जिस तरह अपने मां बहन को भी बेच दिया है पैसों के लिए उसी तरह इस देश और समाज को भी बनाने पर तुले हुए हैं...........और इस काम में कुछ पत्रकारों का शामिल हो जाना बेहद चिंताजनक है......
आपने बिलकुल सही फरमाया,कुछ असामाजिक तत्व तो हर जगह होते है, उसकी मार सबको झेलनी पड़ती है.....लेकिन करे क्या... भ्रष्ट मंत्रियों और उद्योगपतियों के हाथ हर कोई बिका है...?
Hello
Sir
we r running journalism community site www.pressvarta.com . Plz make your profile & share ur News , Video , Blogs , Pics .
Regard
sushil Gangwar
www.pressvarta.com
www.sakshatkarv.com
Post a Comment