
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुलें हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा। परबत वो सबसे ऊँचा हमसाया आसमाँ का वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा। गोदी में खेलती हैं जिसकी हज़ारों नदियाँ गुलशन है जिनके दम से रश्क-ए-जिनाँ हमारा। मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा।- मुहम्मद इक़बाल
Saturday, January 15, 2011

Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment