सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्तान हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी
वो गुलसिताँ हमारा।
परबत वो सबसे ऊँचा
हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा
वो पासबाँ हमारा।
गोदी में खेलती हैं
जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिनके दम से
रश्क-ए-जिनाँ हमारा।
मज़हब नहीं सिखाता
आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है
हिंदुस्तान हमारा।- मुहम्मद इक़बाल
Friday, November 19, 2010
हमारे देश में ९५ फीसदी संसाधनों पर ५ फीसदी लोगो का कब्ज़ा है, उसी तरह मीडिया जो विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है और लोकतंत्र का चौथा मजबूत स्तम्भ है उस पर भी इन्ही ५ फीसदी लोगो का कब्जा है |
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