सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुलें हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा। परबत वो सबसे ऊँचा हमसाया आसमाँ का वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा। गोदी में खेलती हैं जिसकी हज़ारों नदियाँ गुलशन है जिनके दम से रश्क-ए-जिनाँ हमारा। मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा।- मुहम्मद इक़बाल
Thursday, January 13, 2011
देश इस समय कठिन दौर से गुजर रहा है,क्योकि आये दिन हो रहे घोटालो ने हर किसी की नाक मै दम कर रखा है, चाहे वो २ जी स्पेक्ट्रम मामला हो या राष्टमंडल खेलो का या फिर आदर्श सोसाएटी मामला हो | जहा तक सरकार की बात है वो भी चुप्पी साधे बैठी है,रहा सवाल मीडिया का वो खुद कोर्पोरेट मालिको के हाथो बिका हुआ है जिनके सुनामी चेहरों में मीरा राडिया, बरखा दत्त इसके अलावा देश के जाने- माने पत्रकार प्रभुचावला जो चोरी छिपे अपने काले कारनामो को अंजाम दे रहे है, ऐसे मै सवाल उठाना लाजमी है की जनता किस पर विश्वास करे, आखिर अब जनता को जागरूक होकर विद्रोह करना ही होगा यू हाथ पर हाथ धरे बैठे तमाशा देखने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है|
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