Monday, May 24, 2010

भटकता युवाओं का लक्ष्य



"युवा" अपने आप मे एक शक्तिशाली शब्द है, युवा इस देश का गौरव है, कुछ परिवर्तन कर दिखने अर्थात नया कर दिखने मै युवा काफी आगे है, अगर इस देश में कोई सत्ता परिवर्तन कर सकता है तो वह है युवा , युवाओं ने हर जगह अपना परचम लहराया है, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में, समाज को एक नई सिख दी है, लेकिन आज वर्तमान समय में युवाओं की छवि धूमिल सी होती जा रही है, आज युवा मायाओ के जाल में फसता नजर आ रहा है,अफसराओ के खयालो में, देश दुनिया को भूल गर्त में जाता जा रहा है उसे न अपनी दशा और न दिशा का पता है| आज का युवा पूरी तरह कल्पनाओं की उड़ान में उड़ता जा रहा है, लेकिन उसका यह उड़ना कब तक जारी रहेगा आखिर एक दिन तो उसे हकीकत से रूबरू होना पडेगा, और उस दिन उसकी बर्बादी निश्चित तौर पर है| आज का युवा पढ़ाई मै कम व चटक-मटक में ज्यादा ध्यान देता है कहने का मतलब भौतिक दुनियादारी मै ज्यादा लीन रहता है इधर की उधर करने मै उसे मजा आता है, हर वक्त लड़की का चेहरा उसे दिल और दिमाग पे छाया रहता है, फ़िल्मी एक्टिग करना उसका शोक हो गया है जैसे वो हो फ़िल्मी दुनिया के सितारे, अरे भाई उनकी दुनिया अलग है और तुम्हारी दुनिया अलग है चलो जैसे तैसे करके वह १२वी कर लेता है उसके बाद तो उसकी दुनिया ही अलग हो जाती है, अगर वह यही समय पड़ने में या आगे बढने में खर्च करे तो वह एक सफल,मेहनती और ईमानदार इंसान बन सकता है लेकिन उस समय उसे भोग-विलासिता की चीजो में ज्यादा मजा आता है,लडकियों को घुमाने, उनके साथ टाइम पास करने मै पता नहीं उसे क्या मजा आता है, अगर उससे भाई बोलेगा की ये मेरा थोड़ा काम कर दो तो बोलेगा भाई बिलकुल टाइम नहीं, बहुत व्यस्त हु अपने कामो में एक मिनट का टाइम नहीं है,उसके बाद चाहे वह पूरी रात लडकियों के साथ एंजाय या मस्ती करे| देखो हमारे देश का भविष्य किन होनहार जवानो के हाथो में है, जिन्हें अपना ठिकाना ही पता नहीं वो देश तो दूर अपने लिए कुछ नहीं कर सक़ता, वह इस धरती के लिए बोझ समान है, अगर कोई इंसान अपनी जिम्मेदारियो का सही ढग से पालन नहीं करे, तो उसका अंजाम तो वही जानता है कहने का मतलब वह दूसरों को धोखा देने की बजाय अपने आप को धोखा दे रहा है, जब तक आप अपने लक्ष्य को निर्धारित नहीं करेगे तब तक ऐसे भटकते रहने से कोई फायदा नहीं है, सबसे पहले अपने आप में झाकने की जरूरत है, अपने आप से पूछो, तब एक लक्ष्य निर्धारित करो की मुझे यह करना है तो वही करो बार-बार विषय से भटकोगे तो सिवाय मुर्खता के और कुछ नहीं, अपनी एक विषय मै मजबूत पकड रखो बाकी अन्य विषयों पर भी थोडा-थोडा ध्यान देने की जरूरत है| सफलता उसी को मिलती है जिसने समय के महत्व को पहचाना है, मज़िल उन्ही को मिलती है जिनके इरादों में जान होती है, समय के साथ जिसने भी खिलवाड़ किया वह ओधे मुह गिरा है, यह एक वास्तविकता है जिसे हमें पहचानना होगा, आज युवाओं की स्थिति यह हो गई है की वह अपने मन को एकाग्रचित कर ही नहीं सकता वरना पहले के तपस्वी कई दिनों तक ध्यानावस्था में बैठे रहते थे, आज की इस भाग-दोड भरी जिन्दगी मै युवाओं का मन भटकता नजर आ रहा है इसी के चलते आज होनहारो की कमी होती नगर आ रही है, युवाओं में टेलेंट की कमी होती नजर आ रही है विषयवासनाओ में उसका ध्यान भटकता नजर आ रहा है जरूरत आ पड़ी है युवाओं को अपने आप को बदलने की तभी वह अपने लिए व देश के लिए कुछ कर सकता है, अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब बुढो व जवानो मै कोई फर्क नजर नहीं आयेगा युवा-शक्ति क्षीण होती नजर आएगी कही वह अपना अस्तित्व न खो दे, ऐसे समय में उनको सतर्क रहने की जरूरत है|

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